बंजारा कविता, तारो इतिहास…

बंजारा कविता, तारो इतिहास...

banjara history

तारो इतिहास....

बंजारा....
तार इतिहास घणो जुनो छ
पण तू लको कोनी,
इज तार गूनो छ....

तू धाटो प्रांत अप्रांत
पेट भरेकरता
तारे कष्टेमज बहूत लोक जगरे छ....
इ तोन कतेई कळो कोनी
कारण तू ज्ञानमार्ग लिदो कोनी...

आज बी तारे कष्टेन देकन
आंत मारो बळ छ..
बंजारा....
तार इतिहास घणो जुनो छ
पण तू लको कोनी,
इज तार गूनो छ....

रामकृष्ण राठोड

THE END
Share it
QR Code
Reward
<< Previous
Next >>
Article Directory
Shut Down